शनिवार, 11 अगस्त 2018

आ गया एंड्राइड का नया ऑपरेटिंग सिस्टम एंड्राइड पाई | Android new operating system Android Pie.

                   यहां पर एंड्रॉयड की फैमिली में आ गया है एक नया सदस्य जो कि है Android 9 जिसका कि गूगल ने ऑफिशियली नाम अनाउंस कर दिया है। इसका नाम रहेगा Android  Pie. तो आज हम आपको इस पोस्ट में बताने वाले है कि क्या है इस नए ऑपरेटिंग सिस्टम की स्पेसिफिकेशन, फीचर्स और कब तक किन किन स्मार्टफोन्स में इसका ऑफिशियली अपडेट आने वाला है।



एंड्रॉयड पाई स्पेसिफिकेशंस

                    तो सबसे पहले बात करते है कि किस तरह से अलग है यह नया नया ऑपरेटिंग सिस्टम Android Pie पिछले ऑपरेटिंग सिस्टम एंड्रॉयड ओरियो से। यदि हम इस नए एंड्रॉयड पाई को कंपेयर करें पिछले एंड्रॉयड ओरियो से तो यहां पर बहुत सारे नए फीचर्स जोड़े गए हैं। इन फीचर्स को मुख्यता तीन कैटेगरी में बांटा गया है।

1. Intelligence
2. Simplicity
3. Digital Wellbeing.
        
1. Intelligence - इस नए फीचर में कुछ नई चीजें इसमें जोड़ी गई हैं जैसे कि एडाप्टिव बैटरी और एडाप्टिव ब्राइटनेस। जो कि आपकी बैटरी को सेव करेंगे और साथ ही आपके एक्सपीरिएंस को अच्छा करेंगे। इसके अलावा इसमें आपको मिलेगा ऐप्स सजेशन का ऑप्शन जो कि आपके डेली उपयोग के हिसाब से आपको जो ऐप आप ज्यादा यूज़ करते हैं उनको सजेस्ट करेगा। 

2. Simplicity - यदि देखा जाए तो यहां पर जो नया एंड्रॉयड पाई है यह देखने में काफी ही सिंपल है। इसमें पहले उपयोग में लाई जाने वाली नेविगेशन कि तीन बटन होती थी उनको यहां पर हटाकर उनके स्थान पर एक सिंगल होम बटन को जोड़ दिया गया है। जिसमें कि हम अलग-अलग गेस्चर का उपयोग करके उससे रीसेंट टैब और होम पर आसानी से जा सकते हैं।

3. Digital Wellbeing - इसके अंतर्गत भी आपको बहुत सारे नए फीचर देखने को मिलेंगे, जैसे कि आप किसी भी ऐप पर एक लिमिट लगा सकते हैं कि आप उसे कितना डेली उपयोग करना चाहते हैं। यदि आप उस ऐप को अपनी लिमिट से ज्यादा यूज करते हैं तो वहां पर वह पर्टिकुलर ऐप ब्लॉक हो जाएगा। आप उसको यूज नहीं कर सकते हैं। लेकिन आप इसको फिर से मैनुअली हटाकर उस ऐप का उपयोग कर सकते हैं। इसके अलावा भी सारे फीचर जोड़े गए हैं।

                    इन सबके अलावा यहां पर AI को ध्यान में रखते हुए और साथ ही सिक्योरिटी और परफॉर्मेंस को लेकर भी कई सारे अपडेट इस नए ऑपरेटिंग सिस्टम में किए गए हैं।

डिवाइसेस

                    यदि बात करें अपडेट की तो गूगल के पिक्सल डिवाइस में यह अपडेट आ चुका है और साथ ही जो स्मार्टफोन इसके बीटा प्रोग्राम के अंतर्गत आते हैं, उनमें भी यह अपडेट जल्द ही आने वाला है। अब खास बात यह है कि वह कौन सा स्मार्टफोन होगा जिसमें हमें एंड्रॉयड पाई आउट ऑफ द बॉक्स हमको मिलेगा।

कैसे करें डाउनलोड

                    यह अपडेट गूगल के पिक्सल डिवाइस में आ चुका है, जो कि सभी पिक्सेल डिवाइस में ओटीए के जरिए उपलब्ध कराया जा रहा है। इसे अपडेट करने के लिए अपने मोबाइल की सेटिंग में जाकर अबाउट फोन में जाने पर वहां पर सॉफ्टवेयर अपडेट का ऑप्शन मिलता है। जहां से इस आसानी से अपडेट कर सकते हैं।


रविवार, 5 अगस्त 2018

आसमान में बिजली कैसे बनती है। How to generate electricity in cloud (Lightning Phenomenon).

               मौसम चल रहा है बारिश का और आप सभी भी लुफ्त उठा रहे होगे इस बारिश के मौसम का। लेकिन जब कभी आप ऊपर देखते होगे काले और घने बादलों की तरफ और आपको ऊपर दिखाई देती है एक बहुत ही तेज चमकने वाली आसमानी बिजली। स्वाभाविक सी बात है कि हमको इस बात को लेकर डर जरूर लगता है कि कहीं ये आसमानी बिजली हमारे आस पास कहीं न गिर जाए जिससे कि बहुत ही ज्यादा नुकसान हो सकता है।


               लेकिन क्या कभी आपने ये सोचा है कि ऊपर आसमान में ये इतनी अधिक वोल्टेज वाली बिजली कहां से आ जाती है। आज मै आपको इसी के बारे में बताने वाला हूं। यदि आपको नहीं पता इसके बारे में या आप जानना चाहते है इसके पीछे छिपे हुए कारण को तो आप इस पोस्ट को आखिरी तक जरूर पढ़िए।
               तो दोस्तो आसमानी बिजली बनने और इसके जमीन पर गिरने के पीछे क्या कारण है इसे समझने के लिए सबसे पहले आपको एक दूसरी बात को समझना जरूरी है जो है स्थिर विद्युत मतलब Static Electricity (स्टेटिक इलेक्ट्रिसिटी)। हम इसे एक बहुत ही आसान उदाहरण के द्वारा समझते है। आपने जरूर बचपन में अपने बालों पर पेन या फिर गुब्बारे को रगड़कर उससे छोटे छोटे कागज के टुकड़ों को जरूर उठाने का प्रयास किया होगा और आपने देखा होगा ऐसा करने से वो कागज के टुकड़े उस पेन या गुब्बारे के द्वारा आकर्षित होकर उससे चिपक जाते है। दोस्तो इसी को बोलते है स्थिर विद्युत या स्टेटिक इलेक्ट्रिसिटी। जब कभी हम अपने बालों से किसी पेन या गुब्बारे को रगड़ते है तो यहां पर हमारे बालों और पेन या गुब्बारे के बीच एक घर्षण होता है जिससे हमारे बालों पर धनात्मक आवेश (Postitive Charge) और पेन या गुब्बारे पर ऋणात्मक आवेश (Negative Charge) आ जाता है। यह आवेश कहीं दूसरी जगह नहीं जाता उसी पेन या गुब्बारे में स्थिर रहता है क्योंकि आवेश को बहने के लिए एक चालक पदार्थ कि आवश्यकता होती है जबकि पेन या गुब्बारा चालक नहीं होता। इसीलिए यह आवेश उसी पेन या गुब्बारे में बना रहता है और जब हम इस पेन या गुब्बारे के पास छोटे छोटे कागज के टुकड़े लेकर आते है तो इनमें उत्पन्न विपरीत आवेश आपस में मिलकर डिस्चार्ज हो जाते है जिसे विद्युत्स्थैतिक रिसाव (Electro Static Discharge) कहा जाता है।


               अब हम बात करते है बादलों में बनने वाली बिजली की। यदि आपको स्थिर विद्युत बनने और उसके डिस्चार्ज होने के बारे में समझ आ गया होगा तो अब आप इस बात को भी बड़ी आसानी से समझ पाएंगे। जैसे कि हमारे बालों और पेन या गुब्बारे के बीच घर्षण होता है ठीक उसी प्रकार ऊपर आसमान में भी बहुत सारे बादल होते है जो आपस में टकराते रहते है। अब आप बोलेंगे कि बादल तो सिर्फ धुआं होता है तो ऊपर बादलों में सिर्फ धुआं नहीं होता। जब पानी वाष्पीकृत होकर उपर जाता है और वह ऊपर जाकर ठंडा होता है तो ऊपर आसमान में इतनी ज्यादा ठंडक होती है कि ये पानी वह जाकर ठंडा होकर इतना ठंडा हो जाता है कि वहां पर इसके छोटे छोटे बर्फ के टुकड़े बन जाते है। यहीं छोटे छोटे बर्फ के टुकड़े और धूल के कण आपस में टकरा कर घर्षण पैदा करते है। जिसके परिणास्वरूप वहां पर भी बादलों में धनात्मक और ऋणात्मक आवेश उत्पन्न हो जाता है। और इन आवेश संख्या जब ज्यादा बढ़ जाती है तो यह आवेश अपने बीच मौजूद हवा में से भी होते हुए आपस में मिल जाते है और आपस में मिलकर डिस्चार्ज हो जाते हैं। जिससे हमें आसमान में बहुत ही तेज बिजली चमकती हुई दिखाई देती है। हम जानते है कि हवा एक बहुत ही अच्छा प्रतिरोध होता है बिजली के लिए। मतलब कि हवा में से बिजली नहीं जा सकती लेकिन क्योंकि आसमान में उत्पन्न आवेश की मात्रा बहुत ज्यादा बढ़ जाती है तो वह इस हवा में से भी बहकर अपने विपरीत आवेश की तरफ चले जाते है जिससे कि हमें बिजली चमकती हुई दिखाई देती है।

प्रकार-
आसमान में चमकने वाली बिजली भी मुख्य 3 प्रकार की होती है-

1. Intra Cloud Lightning (एक ही बादल के अंदर)
               इस प्रकार की बिजली एक ही बादल में पैदा होती है। इसमें एक ही बादल के उपरी सिरे पर धनात्मक और निचले सिरे पर ऋणात्मक आवेश उत्पन्न हो जाता है और इनकी मात्रा बढ़ने पर ये आपस में मिल जाते है जिससे हमें एक ही बादल के अंदर की ओर बिजली चमकती हुई दिखाई देती है।

2. Cloud to Cloud Lightning (बादल से बादल के मध्य)
              इस प्रकार की बिजली में दो बादल जिनमें से एक पर धनात्मक और एक पर ऋणात्मक आवेश उत्पन्न होता है, जब पास पास आते है तो उनमें उत्पन्न विपरीत आवेश आपस में मिल जाता है और हमें दो बादलों के मध्य बिजली चमकती हुई दिखाई देती है।

3. Cloud to Earth Lightning (बादल से धरती के मध्य)
               हमारी धरती या कहा जाए प्रथ्वी पर धनात्मक आवेश होता है। जब कभी कोई एक ऐसा बादल जिस पर ऋणात्मक आवेश उत्पन्न होता है वह धरती के अधिक निकट आ जाता है तो बादल में मौजूद ऋणात्मक आवेश बादल और धरती के मध्य कि हवा में से होते हुए धरती पर मौजूद धनात्मक आवेश से मिल जाता है और हमें बादल से धरती के बीच बिजली चमकती हुई दिखाई देती हैं। इसे हम सामान्य भाषा में बिजली गिरना भी कहते हैं।

              यदि आप इसे और अच्छी तरह से समझना चाहते है तो नीचे दिए गए वीडियो को एक बार जरूर देखिए जिससे कि आप आसमान में बिजली बनने और उसके चमकने और जमीन पर गिरने के कारण को और अच्छी तरह से समझ पाएंगे।